आज की इस पोस्ट में हम आपको पूर्वी तट पश्चिमी तट और प्रवाल (East Coast West Coast and Coral) के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं. पूर्वी तट पश्चिमी तट और प्रवाल (East Coast West Coast and Coral) आपके परीक्षा के लिए बेहद उपयोगी है इसे आपको एक बार पढना ज़रूर चाहिए. अब हम ज्यादा देरी ना करते हुए शुरू करते हैं.
पूर्वी तट पश्चिमी तट और प्रवाल (East Coast West Coast and Coral)
भारत के प्रादेशिक जल क्षेत्र का विस्तार 12 समुद्री मील तक है। अनन्य आर्थिक मण्डल 200 समुद्री मील/ 370 किमी. तक है।
पूर्वी तट (Eastern Coast)
पूर्वी तट, पश्चिम तट की तुलना में अधिक विस्तृत है। इस तट का निर्माण समुद्र के जल स्तर पर गिरावट आने के कारण हुआ है। महाद्वीपीय शेल्फ का विस्तार 500 किमी. तक है जिसके कारण इस तट पर अच्छे बंदरगाह का निर्माण कठिन होता है। इसलिए तट पर तुलनात्मक कम संख्या में बंदरगाह है।
पूर्वी तट का वर्गीकरण
कोरोमण्डल तट:-कृष्णा नदी डेल्टा के दक्षिण में स्थित सम्पूर्ण तटवर्ती तमिलनाडु और आन्ध्र प्रदेश का क्षेत्र अक्टूबर माह में शीत मानसून का वर्षण
मुख्यत: इस तट पर होता है।
गोलकुण्डा तट……. कृष्णा व गोदावरी नदी के मध्य स्थित तटीय क्षेत्र गोदावरी नदी के उत्तर में स्थित तटीय क्षत्र
उत्तरी सरकार…… गोदावरी नदी के उत्तर में स्थित तटीय क्षेत्र
उत्कल तट…….. ओड़िशा का तटीय क्षेत्र
ध्यान रखें- पश्चिमी तट की तुलना में पूर्वी तट चक्रवातों द्वारा अधिक प्रभावित है क्योंकि यह तट उत्तर-पूर्वी व्यापारिक हवाओं के मार्ग में स्थित है। यानि बंगाल की खाड़ी से पूर्वी तट की ओर की दिशा। जबकि पश्चिम तट पर यह पवन वट से अरब सागर की ओर बहती है।
पूर्वी तट आर्थिक गलियारा यह पूर्वी तट पर कोलकता, विशाखापटनम, चेन्नई और कन्याकुमारी तक विस्तृत है। इसका उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ भारत को जोड़ना है।
पश्चिमी तट (Western Coast)
अरब सागर और पश्चिम घाट के मध्य स्थित पश्चिम तट संकरा है। इस तर का निर्माण समुद्र के जल स्तर वृद्धि में होने के कारण हुआ है।
पश्चिमी तट का वर्गीकरण-
कच्छ और काठियावाड……… गुजरात का तटीय क्षेत्र
कोकण तट…….. दमन से गोवा तक का तटीय क्षेत्र
कनारा तट………. गोवा से मंगलौर तक का तटीय क्षेत्र
मालाबार तट / मसाला तट:
केरल का तटीय क्षेत्र
नोट: मालाबार तट की विशेष स्थलाछति ‘कबाल’ (Backwaters) ये पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। केरल में हर वर्ष प्रसिद्ध ‘नेहरू टॉफी बलामकाली’ (नीका दौड़) का आयोजन ‘पुलामदा कपाल में किया जाता है।
तटीय आर्थिक क्षेत्र-
वह तटीय जिले जिनके बंदरगाहों के साथ गहरे संबंध है उनमें औद्यौगिक गलियारा स्थापित किया जाएगा। यहां पर टैक्स आदि की छूट दी जाती है। देश का पहला गलियारा महाराष्ट्र में स्थापित किया गया है।
एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन परियोजना (ICZM)
यह तटीय क्षेत्र के सभी पहलुओं, भौगोलिक और राजनैतिक सीमाओं को सम्मिलित करते हुए समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। पश्चिम बंगाल, ओडिशा और गुजरात में पायलट परियोजना के रूप में प्रारम्भ की गयी है।
याद रखें-तटवर्ती क्षेत्र तापमान में बड़ी विपरीत स्थितियाँ अनुभव नहीं करते है।
प्रवाल क्षेत्र (Coral Reef)
देश में तीन प्रकार के प्रवाल प्राप्त होते है-वलय, अवरोधी और तटीय।
देश में प्रमुख प्रवाल क्षेत्र है- अण्डमान-निकोबार, लक्ष्यद्वीप, मान्नार की खाड़ी और कच्च की खाड़ी
ध्यान रखें- सर क्रीक और कोरी कीक कच्छ के रन (गुजरात) में स्थित है। क्रीक या निवेशिका दलदली क्षेत्र होता है।
तो दोस्तों कैसी लगी आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी हमे comment करके बताइएगा और ऐसी हु अच्छी अच्छी पोस्ट्स के लिए हमारी website पर आते रहिएगा.
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