दोस्तों, यह ब्रह्मांड अनंत है। जिसका कहीं कोई अंत नहीं है। हमारा सौरमंडल, ग्रहों, गैसों इत्यादि से मिलकर बना है। इस पूरे जगत को प्रकाश सूर्य से मिलता है। सौरमंडल में सूर्य सबसे बड़ा पिंड है। सभी ग्रह सूर्य के इर्द गिर्द घूमते हैं। हमारी पृथ्वी भी सूर्य के चक्कर लगाती है।
सूर्य की वजह से ही पृथ्वी पर दिन और रात होती हैं। सूर्य हमें गर्मी और रोशनी देता है जिसकी वजह से पृथ्वी रहने के लिए सुखद बनती है। पर्र अक्सर लोगो के मन में ये ख्याल आता है कि surya se prithvi ki duri kitni hai. तो चलिए, आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको बताते हैं कि surya se prithvi ki duri kitni hai
सूर्य – सौरमंडल का एक तारा
सूर्य दूसरे ग्रहों और धरती से बिल्कुल अलग है। सूरज सौर परिवार का एक तारा है। यह सौरमंडल के बीचो-बीच अर्थात केंद्र में स्थित है। सूर्य के इर्द-गिर्द ही सौर मंडल के अन्य ग्रह चक्कर लगाते हैं।
सभी ग्रह अपनी अपनी कक्षा में घूमते रहते हैं। सौर मंडल में कुल 8 ग्रह हैं। इन्हीं 8 ग्रहों में से एक पृथ्वी भी है। सूरज सबसे बड़ा पिंड है। इस के केंद्रीय भाग को कौर कहते हैं। जिसका व्यास लगभग 696,340 किलोमीटर है।
इसका surface temperature 5,778K है। सूर्य की उम्र लगभग 4.603 billion years मानी जाती है। सूर्य का निर्माण गैसों से मिलकर हुआ है। इसमें 98 प्रतिशत हाइड्रोजन और हीलियम गैस मौजूद है। सूर्य पर धातु भी मौजूद है।
सूर्य से पृथ्वी की दूरी कितनी है? (surya se prithvi ki duri kitni hai)

धरती से सूर्य देखने में इतना बड़ा नहीं लगता क्योंकि वह धरती से बहुत दूर है। सूर्य से पृथ्वी की दूरी लगभग 14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर अर्थात 9 करोड़ 29 लाख 60,000 मील है।
पृथ्वी से सूर्य की दूरी अधिक होने की वजह से ही सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पहुंचने में 8.3 मिनट का समय लग जाता है। सूर्य पृथ्वी से लगभग 1300000 गुना बड़ा है। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि धरती को सूर्यताप का लगभग 2 अरब वां भाग मिलता है।
सूर्य का हमारे जीवन में क्या महत्व है?
यदि सूर्य को प्राकृतिक चिकित्सालय कहा जाए तो यह भी गलत नहीं होगा। सूर्य की किरणों से बहुत सारे रोगों का नाश होता है। यह विटामिन डी का एक natural source है। टीवी जैसी खतरनाक बीमारी के कीटाणु भी सूर्य के तेज प्रकाश में जल्दी नष्ट हो जाते हैं।
सूर्य के कारण ही दिन और रात भी बनते हैं। पृथ्वी के जिस भाग पर सूर्य की रोशनी नहीं पहुंच पाती, वहां पर रात हो जाती है।
सूरज निकलने के साथ ही जिंदगी की एक नई सुबह भी शुरू हो जाती है और सभी जीवन यापन के कार्यों पर लग जाते हैं। परंतु जरा सोचिए, यदि किसी दिन सूर्य ना निकले, तो जिंदगी कैसी होगी? इसकी तो कल्पना कर पाना भी कठिन लगता है।
सूर्या हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह गर्मी और रोशनी प्रदान करता है, जिसकी वजह से पृथ्वी रहने के लिए रोशन और सुखद जगह बनती है।
यदि पृथ्वी बिल्कुल अंधेरी और ठंडी होती तो यहां पर कोई भी पेड़ पौधे और पशु पक्षी नहीं होते, क्योंकि पेड़ पौधों को भी भोजन बनाने के लिए सूरज की रोशनी की आवश्यकता होती है और पेड़ पौधों को खाकर ही जीव जंतु जीवित रहते हैं। अतः इसीलिए सूर्या हमारी जिंदगी मे और इस ब्रह्मांड मे सबसे महत्वपूर्ण है।
सूर्य ग्रहण कैसे लगता है?
जैसा कि हमने ऊपर बताया सूर्य के आठ ग्रह हैं, जो लगातार अपनी अपनी कक्षा में सूर्य के चक्कर लगाते रहते हैं। इनमे से पृथ्वी भी एक है। पृथ्वी का चंद्रमा एकमात्र उपग्रह है जो धरती के चक्कर लगाता रहता है।
सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाते समय जब सूर्य पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आ जाते है अर्थात सूर्य और पृथ्वी के बीच जब चंद्रमा आ जाता है, तो इस स्थिति में चांद की छाया सूरज पर पड़ती है और खगोलशास्त्र में इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
सूर्य से संबंधित रोचक जानकारी
आइए आपको सूर्य से संबंधित रोचक तथ्य की जानकारी भी देते है –
- ऐसा माना जाता है कि सूर्य का निर्माण लगभग 57 अरब वर्ष पहले एक बहुत बड़े आणविक बादल के टूटने से हुआ है। इसीलिए सूर्य का अधिकांश हिस्सा हीलियम और हाइड्रोजन से बना हुआ है।
- सूर्य में 72% भाग हाइड्रोजन तथा 26% भाग हीलियम है। इन्हीं गैसों के नाभिकीय सनलयन के कारण सूर्य से अपार ऊर्जा निकलती है और यही ऊर्जा पृथ्वी पर जीवन के लिए प्राथमिक ऊर्जा के रूप में भूमिका निभाती है।
- सूर्य गरम गैसों का एक गोला है इसका temperature लगभग डेढ़ करोड़ डिग्री सेल्सियस है।
- आर्कटिक सर्कल के ऊपर सूरज कई हफ्तों तक नहीं डूबता।
- अंटार्टिका ऐसी जगह है जहां पर 6 महीने रात और 6 महीने दिन रहता है।
- भारत में सूरज सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश की देवांग घाटी नाम की जगह पर उगता है।
- सूर्य की सतह को सबसे पहले नासा के द्वारा भेजे गए अंतरिक्ष यान पार्कर सोलर प्रोब ने छुआ है।
- आकाशगंगा में मौजूद सितारों का औसत द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान के आधे से भी बहुत कम है।
- दूरदर्शी यंत्र से देखने पर सूर्य की सतह पर छोटे-छोटे धब्बे दिखाई देते हैं इन धब्बो को सौर कलंक कहा जाता है।
- सूर्य की सतह का निर्माण लोहा, निकल, आक्सीजन, हाइड्रोजन, हिलियम सल्फर, सिल्कन, कार्बन, मैग्निशियम, कैलशियम, नियॉन, क्रोमियम तत्वों से मिलकर हुआ है।
- सूरज प्रकाश और गर्मी के अलावा प्रोटोन और इलेक्ट्रॉन की एक धारा भी उत्सर्जित करता है जिसे सौर वायु कहा जाता है। यह सौर वायु 450 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से बहती है।
निष्कर्ष
दोस्तों, आज के इस लेख के माध्यम से हमने आपको बताया कि surya se prithvi ki duri kitni hai हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी।
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FAQs
Q. 1 सूर्य से पृथ्वी की दूरी कितनी है?
Ans. लगभग 149.74 मिलियन किलोमीटर
Q.2 सूर्य किस प्रकार का तारा है?
Ans. सूर्य G type मुख्य अनुक्रम तारा है।
Q. 3 सूर्य की उम्र क्या है?
Ans. 4.60309 वर्ष
Q.4 सूर्य ग्रहण कैसे लगता है?
Ans. जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, तब सूर्य ग्रहण लगता है।
Q. 5 सूर्य गरम क्यों है?
Ans. हिलियम और हाइड्रोजन के कारण
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