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भारत का स्वतन्त्रता आन्दोलन महत्वपूर्ण बिंदु (Important Points)

भारत का स्वतन्त्रता आन्दोलन यह भी Modern India (आधुनिक भारत) का बहुत ही Important टॉपिक हैं इसमें से कई बार प्रश्न पूछे जाते हैं अगर आप इसको पूरा पढ़ते हैं तो आपको काफी समय लग सकता हैं लेकिन जब आप LearnGS पर आये हैं तो कुछ सोच कर ही आये होंगे तो हम भी आज आपको  “भारत का स्वतन्त्रता आन्दोलन” इस टॉपिक को आपको चुटकियो में याद करा देंगे | चलिए अब ज्यादा देरी ना करते हुए शुरू करते हैं |

निचे हमने आपकी साहयता करने के लिए इस टॉपिक को कुछ Important Points में लिख दिया हैं साथ ही इन Important points को पढ़कर आप अपनी परीक्षा में अच्छे अंक ला सकते हैं |

भारत का स्वतन्त्रता आन्दोलन महत्वपूर्ण बिंदु (Important Points)

  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश प्रशासनिक अधिकारी ए.ओ. ह्यूम द्वारा 1885 ई. में की गई।
  • कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन दिसम्बर 1885 ई. में बम्बई में हुआ। इसमें कुल 72 सदस्यों ने भाग लिया था। इसके पहले अध्यक्ष व्योमेश चन्द्र बनर्जी थे।
  • बदरुद्दीन तैयबजी कांग्रेस के पहले मुस्लिम अध्यक्ष (1887 ई.) तथा जार्ज यूले प्रथम ईसाई तथा विदेशी अध्यक्ष (1888 ई.) थे ।
  • बाल गंगाधर तिलक ने राष्ट्रवादी भावना को बढ़ाने के उद्देश्य से 1893 ई. में ‘गणपति उत्सव’ तथा 1895 ई. में ‘शिवाजी उत्सव’ प्रारम्भ किया।
  • बंगाल में राष्ट्रीय चेतना को समाप्त करने के लिए लॉर्ड कर्जन द्वारा 16 अक्टूबर, 1905 ई. में बंगाल का विभाजन कर दिया गया।
  • बंगाल विभाजन के विरोध में पूरे देश में स्वदेशी एवं बहिष्कार आन्दोलन चलाया गया।
  • लाल, बाल एवं पाल क्रमशः लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक एवं विपिनचन्द्र पाल को कहा जाता था। ये उग्रपन्थी विचारधारा के समर्थक थे।
  • दादाभाई नौरोजी ने कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन (1906 ई.) में सर्वप्रथम स्वराज की माँग प्रस्तुत की। उन्हें ‘ग्रैण्ड ओल्ड मैन ऑफ इण्डिया’ कहा जाता है।
  • दादाभाई नौरोजी ने सर्वप्रथम ‘धन निकासी’ का सिद्धान्त दिया जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि किस प्रकार अंग्रेज भारत से धन ले जा रहे हैं।
  • स्वदेशी के मुद्दे पर 1907 ई. के कांग्रेस के सूरत अधिवेशन में कांग्रेस का विभाजन दो भागों में हो गया।
  • 1906 ई. में ढाका के नवाब सलीमुल्ला के नेतृत्व में ‘मुस्लिम लीग’ का गठन हुआ।
  • सरकार ने 1909 ई. में भारतीय परिषद् अधिनियम पारित किया, जिसमें पहली बार मुसलमानों के लिए पृथक् निर्वाचन क्षेत्र एवं मताधिकार की व्यवस्था दी गई थी।
  • 1911 ई. में दिल्ली में इंग्लैण्ड के सम्राट जॉर्ज पंचम एवं महारानी मेरी के स्वागत में भव्य दरबार का आयोजन किया गया। इस समारोह में बंगाल विभाजन को रद्द करने तथा भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानान्तरित करने की घोषणा की गई।
  • 1916 ई. में लखनऊ में आयोजित कांग्रेस के अधिवेशन में कांग्रेस के विभाजित घड़ो में समझौता हो गया। इसी अधिवेशन में पहली बार कांग्रेस एवं मुस्लिम लीग एक मंच पर आये।
  • स्वशासन की मॉग तेज करने के लिए बाल गंगाधर तिलक ने अप्रैल, 1916 ई. में तथा ऐनी बेसेन्ट ने सितम्बर, 1916 ई. में ‘होमरूल लीग’ का गठन किया।
  • कांग्रेस के 1917 ई. के कलकत्ता अधिवेशन की अध्यक्षता श्रीमती ऐनी बेसेन्ट ने की। इस पद पर चुनी जाने वाली वे पहली महिला थीं। * 1919 ई. के भारत सरकार अधिनियम द्वारा प्रान्तों में ईंध शासन की व्यवस्था की गई।
  • पंजाब के दो महत्त्वपूर्ण नेता सैफुद्दीन किचलू तथा डॉ. सत्यपाल की गिरफ्तारी के विरोध में अमृतसर के जलियाँवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 ई. को विशाल जनसभा आयोजित की गई थी। जनरल डायर के निर्देश पर इस सभा पर गोलियाँ चलाई गई, जिसमें सैकड़ों निहत्थे लोग मारे गए। इसे ‘जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड के नाम से जाना जाता है।
  • जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड के विरोध में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपनी सर की उपाधि लौटा दी। 1920 ई. में तुर्की के खलीफा के साथ किये जा रहे दुर्व्यवहार के विरोध में भारत  ‘खिलाफत आन्दोलन चलाया गया।
  • कांग्रेस ने गांधीजी के नेतृत्व में 1920 ई. में असहयोग आन्दोलन प्रारम्भ किया। 5 फरवरी, 1922 ई. को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के चौरी-चौरा नामक स्थान पर उत्तेजित भीड़ ने कुछ सिपाहियों को थाने में जिन्दा जला दिया। इससे क्षुब्ध होकर गाँधीजी ने आन्दोलन को तत्काल वापस ले लिया।
  • जनवरी, 1923 ई. में चित्तरंजन दास एवं मोतीलाल नेहरू ने कांग्रेस खिलाफत स्वराज्य पार्टी की स्थापना की|
  • 1923 ई. के चुनावों में स्वराज पार्टी केन्द्रीय विधायिका में विट्ठल भाई पटेल को अध्यक्ष के पद पर निर्वाचित करवाने में सफल रही।
  • 8 नवम्बर, 1927 ई. को 1919 ई. के भारत सरकार अधिनियम की समीक्षा करने के लिए साइमन कमीशन का गठन किया गया।
  • 3 फरवरी, 1928 ई. को साइमन कमीशन भारत आया, लेकिन इस कमीशन में एक भी भारतीय के न होने के कारण देश भर में इसका विरोध किया गया।
  • लाहौर में साइमन कमीशन के विरोध प्रदर्शन पर हुए लाठी चार्ज में लाला लाजपत राय को गम्भीर चोट लगी, जिसके कारण बाद में उनकी मृत्यु हो गई।
  • 1929 ई. के कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए, जवाहरलाल नेहरू ने ‘पूर्ण स्वराज’ का लक्ष्य घोषित किया। * 31 दिसम्बर, 1929 ई. को लाहौर में रावी नदी के तट पर जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगे झण्डे को फहराया।
  • 12 मार्च, 1930 ई. को महात्मा गाँधी ने 78 स्वयं सेवकों के साथ साबरमती आश्रम से डाण्डी के लिए प्रस्थान किया।
  • 6 अप्रैल 1930 ई. को डाण्डी पहुँचकर गाँधीजी ने नमक कानून तोड़कर सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुआत की।
  • 5 मार्च, 1931 को गाँधीजी एवं तत्कालीन वायसराय इरविन के बीच हुए।
  • समझौते के बाद सविनय अवज्ञा आन्दोलन को स्थगित कर दिया गया।
  • लन्दन में आयोजित तीन गोलमेज सम्मेलनों में कांग्रेस ने सिर्फ द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया। इसमें कांग्रेस का प्रतिनिधित्व महात्मा गाँधी ने किया था।
  • ब्रिटिश प्रधानमन्त्री रैम्जे मैक्डोनाल्ड द्वारा 1932 ई. में दलितों के लिए पृथक निर्वाचन सम्बन्धी ‘साम्प्रदायिक पंचाट’ (कम्युनल अवार्ड) की घोषणा की गई।
  • 1932 ई. में महात्मा गाँधी एवं बी. आर. अम्बेडकर के बीच ‘पूना समझौता’ हुआ, जिसके बाद अम्बेडकर ने दलितों (हरिजनों) के लिए पृथक प्रतिनिधित्व की माँग को वापस ले लिया।
  • जयप्रकाश नारायण, आचार्य नरेन्द्र देव एवं मीनू मसानी के प्रयासों से 1934 ई. में ‘कांग्रेस समाजवादी दल का गठन किया गया।
  • भारत सरकार अधिनियम 1935 के अन्तर्गत ‘प्रान्तीय स्वायत्तता’ की व्यवस्था की गई तथा एक संघीय न्यायालय के गठन का प्रावधान किया गया।
  • 1937 ई. के प्रान्तीय विधानसभाओं के चुनाव के बाद कांग्रेस ने 8 प्रान्तों में अपनी सरकार बनाई।।
  • मुहम्मद अली जिन्ना ने 1940 ई. के मुस्लिम लीग के लाहौर अधिवेशन में पृथक् पाकिस्तान की माँग की।
  • 8 अगस्त, 1942 ई. को बम्बई के ग्वालिया टैंक मैदान में ‘भारत छोड़ो आन्दोलन प्रारम्भ करते हुए, महात्मा गाँधी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया।
  • महात्मा गाँधी से मतभेद होने के कारण सुभाष चन्द्र बोस ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर 1939 ई. में ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ का गठन किया।
  • ‘आजाद हिन्द फौज’ के गठन का विचार सर्वप्रथम कैप्टन मोहन सिंह के मन में आया था।
  • 21 अक्टूबर, 1943 ई. को सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर में अस्थायी भारत सरकार ‘आजाद हिन्द सरकार’ की स्थापना की।
  • ‘दिल्ली चलो’ तथा ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा सुभाषचन्द्र बोस ने दिया था।
  • महात्मा गाँधी को सर्वप्रथम ‘राष्ट्रपिता’ सुभाष चन्द्र बोस ने कहा था।
  • 1946 ई. में ‘कैबिनेट मिशन’ भारत आया। इसके सदस्य थे—स्टैफर्ड क्रिप्स, पैथिक लॉरेन्स एवं ए.वी. अलेक्जेण्डर।
  • कैबिनेट मिशन की संस्तुति पर ही ‘संविधान सभा’ का गठन किया गया था।
  • 3 जून, 1947 ई. को तत्कालीन वायसराय माउण्टबेटन ने ‘माउण्टबेटन योजना’ प्रस्तुत की, जो बाद में भारत विभाजन का आधार बनी।
  • 15 अगस्त, 1947 ई. को भारत एवं पाकिस्तान नाम नये राष्ट्र अस्तित्व में आए।
  • भारत की स्वतन्त्रता के समय ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री क्लीमेण्ट एटली थे। वे ‘लेबर पार्टी’ से सम्बन्धित थे।
  • भारत की स्वतन्त्रता के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष जे.बी. कृपलानी थे।
  • भारत के प्रथम गवर्नर जनरल ‘लॉर्ड माउण्टबेटन’ थे। बाद में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी प्रथम एवं अन्तिम भारतीय गवर्नर जनरल बने थे।

यह Topic आपकी सभी परीक्षाओ जैसे SSC, UPSE, UPSSSC, UP Police, Airforce अन्य सभी  परीक्षाओ में आ जाता हैं साथ ही साथ मैं आपको बता दूँ की “भारत का स्वतन्त्रता आन्दोलन” यह टॉपिक Modern India (आधुनिक भारत)  से लिया गया हैं तथा यह टॉपिक बेहद ही Important हैं, इसीलिए मेरा आपसे निवेदन हैं आप ध्यान से पढ़े और अपनी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करे | LearnGS की तरफ से आप सभी को आपके उज्जवल भाविष्य के लिए BEST OF LUCK ||

धन्यवाद |

सीईओ- हर्षित रस्तोगी 

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